शब्द -धारा (16 ) सुपर -हीरो (Super Hero)
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रात के अँधेरे में घूमता एक रखवाला ,
वतन की सरहद पे गश्त लगाता है ,
गुमनाम रहता आखिरी सांस तक ,
शहीद होने पर सुपर -हीरो कहलाता है।
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सुपर हीरो की दो खास नस्लें होती हैं ,
एक इतिहास के पन्ने में कैद रहती है,
दूसरी वो,जो फ्लैशलाइट से चमकती हैँ ,
जो जमात, वक़्त की रफ़्तार में बहती है।
चिराग घिसने से निकला सुपर हीरो ,
बेशक ,आसपास मज़मा जुटाता है ,
उसे वक़्त, तराशता -निखारता है ,
या घिसकर उसका मुल्लमा हटाता है।
स्क्रीन के हीरो करोड़ की सीढ़ी चढ़ते हैं ,
परदे के सिवा,हमेशा एक्टिंग करते हैं ,
जब रपटते हैं, तो हाय -तौबा मचाते हैं,
गुजरा जमाना याद कर ,आह भरते हैं।
नेट की पैदाइश है ,नई पीढ़ी के हीरो,
मियां -मिट्ठू हैं खुद के वायरल के ,
'लाइक 'की बाइक के फर्राटे में मगन ,
डिलीट हो जाते ,ये मेहमान पलभर के।
रात के अँधेरे में घूमता एक रखवाला ,
वतन की सरहद पे गश्त लगाता है ,
गुमनाम रहता है, आखिरी सांस तक,
शहीद होने पर, सुपर -हीरो कहलाता है।
छटे नेताजी भी सुपर -हीरो बनते हैं ,
-एक पुरानी कहानी इस तरह कहती है,
जिन्न की जान कैद थी ,एक तोते में -
नेताजी की, मतदान -पेटी में रहती है।
छोटा सा बच्चा जब तक अबोध रहता है ,
उसे पिता ही, सुपर-हीरो समझ में आता है ,
जैसे -जैसे बच्चे मे अकल आती जाती है ,
हीरो -हीरो मिटकर ,सुपर -सुपर रह जाता है।
कभी -कभी गौर से एक आईना देखने पर ,
खुद का अक्स ,सुपर -हीरो नज़र आता है ,
अक्सर, अपनी बाहों का विश्वास खो देने पर ,
आईना ,फिसलकर -गिरकर ,दरक जाता है।
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(C) keshavdubey
26-9-2016
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रात के अँधेरे में घूमता एक रखवाला ,
वतन की सरहद पे गश्त लगाता है ,
गुमनाम रहता आखिरी सांस तक ,
शहीद होने पर सुपर -हीरो कहलाता है।
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सुपर हीरो की दो खास नस्लें होती हैं ,
एक इतिहास के पन्ने में कैद रहती है,
दूसरी वो,जो फ्लैशलाइट से चमकती हैँ ,
जो जमात, वक़्त की रफ़्तार में बहती है।
चिराग घिसने से निकला सुपर हीरो ,
बेशक ,आसपास मज़मा जुटाता है ,
उसे वक़्त, तराशता -निखारता है ,
या घिसकर उसका मुल्लमा हटाता है।
स्क्रीन के हीरो करोड़ की सीढ़ी चढ़ते हैं ,
परदे के सिवा,हमेशा एक्टिंग करते हैं ,
जब रपटते हैं, तो हाय -तौबा मचाते हैं,
गुजरा जमाना याद कर ,आह भरते हैं।
नेट की पैदाइश है ,नई पीढ़ी के हीरो,
मियां -मिट्ठू हैं खुद के वायरल के ,
'लाइक 'की बाइक के फर्राटे में मगन ,
डिलीट हो जाते ,ये मेहमान पलभर के।
रात के अँधेरे में घूमता एक रखवाला ,
वतन की सरहद पे गश्त लगाता है ,
गुमनाम रहता है, आखिरी सांस तक,
शहीद होने पर, सुपर -हीरो कहलाता है।
छटे नेताजी भी सुपर -हीरो बनते हैं ,
-एक पुरानी कहानी इस तरह कहती है,
जिन्न की जान कैद थी ,एक तोते में -
नेताजी की, मतदान -पेटी में रहती है।
छोटा सा बच्चा जब तक अबोध रहता है ,
उसे पिता ही, सुपर-हीरो समझ में आता है ,
जैसे -जैसे बच्चे मे अकल आती जाती है ,
हीरो -हीरो मिटकर ,सुपर -सुपर रह जाता है।
कभी -कभी गौर से एक आईना देखने पर ,
खुद का अक्स ,सुपर -हीरो नज़र आता है ,
अक्सर, अपनी बाहों का विश्वास खो देने पर ,
आईना ,फिसलकर -गिरकर ,दरक जाता है।
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(C) keshavdubey
26-9-2016
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