शब्द -धारा (20) बुनियाद
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पूरे समर्पण से बनाये जाते हैं ,
मन्दिर, मस्जिद ,चर्च ,गुरुद्वारे,
आत्मा -परमात्मा के बीच सेतु ,
आस्था के प्रतीक ये सारे।
मीनारें हैं,सुनहरे कलश हैं
आसमान की ऊँचाई है ,
गोल गुम्बद में गूंजती ,
आवाज़ की गहराई है।
बूटे-दार प्यारी जालियां,
पत्थरों में उकेरे प्रान,
विस्तृत आयाम में चित्र ,
इंसानी सोच की शान।
मगर फिर -"ये मेरा है ,
ये इसका है ,
ये तेरा है क्या ?
अरे, ये उसका है।"
इनके जमीन से ऊगते ही,
आदमी की कैसी बेकसी है ?
आखिर बुनियाद के पत्थर एक जैसे -
नींव तो सबकी एक सी है।
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(C) keshavdubdy
स्वतंत्रता -दिवस,
(15-8-2017)
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पूरे समर्पण से बनाये जाते हैं ,
मन्दिर, मस्जिद ,चर्च ,गुरुद्वारे,
आत्मा -परमात्मा के बीच सेतु ,
आस्था के प्रतीक ये सारे।
मीनारें हैं,सुनहरे कलश हैं
आसमान की ऊँचाई है ,
गोल गुम्बद में गूंजती ,
आवाज़ की गहराई है।
बूटे-दार प्यारी जालियां,
पत्थरों में उकेरे प्रान,
विस्तृत आयाम में चित्र ,
इंसानी सोच की शान।
मगर फिर -"ये मेरा है ,
ये इसका है ,
ये तेरा है क्या ?
अरे, ये उसका है।"
इनके जमीन से ऊगते ही,
आदमी की कैसी बेकसी है ?
आखिर बुनियाद के पत्थर एक जैसे -
नींव तो सबकी एक सी है।
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(C) keshavdubdy
स्वतंत्रता -दिवस,
(15-8-2017)
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